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Saturday, January 15, 2022

अब मिलेगी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मुफ्त कानूनी सलाह




टेली लॉ योजना के संबंध में:-


न्याय विभाग एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत कानूनी प्रक्रिया को गरीब, असहाय, वंचित, पीड़ित, हाशिए पर बैठे लोगों व आम जनमानस तक सरल व सुगम तरीके से न्याय पहुंचाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सीएससी ई गवर्नेंस के माध्यम से नई पहल की है । इसके तहत कॉमन सर्विस सेंटर पर ही सूचना एवं संचार तकनीक के इस्तेमाल के माध्यम से एक्सपर्ट वकीलों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जरूरतमंद लोगों से संवाद कराया जाएगा 

बिल्कुल मुफ्त कानूनी सलाह :-

इस योजना के अंतर्गत दहेज घरेलू हिंसा ,जमीन विवाद, संपत्ति के मामले , गिरफ्तार , एफ आई आर, जमानती व गैर जमानती अपराध जमीन संबंधी वाद तथा एससी एसटी  के प्रति अत्याचार आदि मामलों के बारे में टेली ला योजना के अंतर्गत कानूनी सलाह बिना एक भी पैसे खर्च किए दी जा रही हैं।


Friday, January 14, 2022

Kite Flying Banned (पतंग उड़ाने पर हो सकती है जेल)

 



क्या आपको पता है पतंग उड़ाने पर हो सकती है जेल:-

खुले आसमान के नीचे पतंग उड़ाना तो आपको भी खूब पसंद होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका यह सब आपको भारी पड़ सकता है नहीं जानते हैं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कुछ अहम जानकारी.......

भारत में पतंगबाजी करना है अवैध:-

जी हां भारत में पतंगबाजी करना अवैधानिक है ऐसा देश में लागू इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के कारण है इस एक्ट में पतंग व गुब्बारे आदि उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। 1934 के भारतीय विमान अधिनियम के अनुसार भारत में पतंग उड़ाना गैरकानूनी है ।हालांकि पतंग उड़ाने के शौकीन लोगों के लिए लाइसेंस का भी प्रावधान है जिसके अंतर्गत पतंग उड़ाने की अनुमति है ।इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 की धारा 11 में पतंग को विमान की संज्ञा दी गई है ।हालांकि इस कानून का पालन कहां और किस प्रकार से किया जा रहा है इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है लेकिन प्रावधान के तहत जब भी देश में  पतंगबाजी को लेकर कोई महोत्सव  होता है तो स्थानीय पुलिस प्रशासन व भारतीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण से अनुमति लेना आवश्यक होता है।

Thursday, January 13, 2022

प्लाट की रजिस्ट्री में हुई गलती को कैसे सुधारे(How to improve clerical mistake in sell deed





दोस्तों प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी तो भूमि /प्लाट तो खरीदता ही है लेकिन क्या आप जानते है कि यदि बैनामा करवाते समय यदि कोई तथ्य भूलवश छूट जाता है या गलत अंकित हो जाता है तो वह बैनामा तथ्य हीन हो जाता है जैसे गाटा संख्या चौहद्दी आदि तो उस भूल को दोबारा से कैसे ठीक करावे आइए आज हम आपको बताते हैं  वो प्रोसिडिंग जिससे आप इस भूल को दुरुस्त कर पावे और आपका बैनामा विधि सम्मत हो जावे:
  1.  विक्रय विलेख या प्लाट की रजिस्ट्री में हुई गलती को सुधार कराने के लिए सबसे पहले आपको वही विक्रेता जिससे आपको प्लाट विक्रय किया था तथा वही क्रेता जिसने प्लाट खरीदा था एवं दो गवाहों की आवश्यकता होगी।
  2.  अब आप ₹220 का स्टांप लेकर उसमें भूलवश छूटे हुए तत्सम को अंकित करा कर तथा पूर्व में हुए विक्रय पत्र का रजिस्ट्रीकृत क्रमांक व दिनांक डालकर स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होग।
  3. अब समस्त कागजात लेकर निबंधक/उपनिबंधककार्यालय में जमा करेंगे और निबंधक/उपनिबंधक उस शुद्धि पत्र पर आपके और विक्रेता के बयान तथा गवाहों के बयान लेकर उक्त शुद्धि पत्र का पंजीयन कर लेगा 
                  इस प्रकार से पूर्व में हुई विक्रय पत्र में भूल/गलतअंकन का सुधार विधि सम्मत हो जाएगा और उक्त शुद्धि पत्र हमेशा पूर्व में किए गए विक्रय पत्र के साथ पढ़ा जाएगा।

Tuesday, January 11, 2022

बदलती दिनचर्या

  




 : मानव जीवन संघर्षों से भरा है आए दिन हम लोग  किसी न किसी संघर्ष को लेकर सुबह उठते है। 

प्रत्येक व्यक्ति रात को सोने से पहले सुबह की दिनचर्या के बारे में कुछ बेहतर करने की महत्वाकांक्षा लेकर सोता है किंतु सुबह उठते ही अपनी दिनचर्या में इस तरह मशरूफ हो जाता है की रात को सोने से पहले उसके द्वारा कुछ बेहतर करने की महत्वाकांक्षा को लेकर जो निर्णय लिया गया था वह उसे भूल कर अपने सुनहरे कल को लाने वाली शक्ति प्रयोग करना भूल जाता है जिससे मानव अपने समय को नष्ट करता है और जीवन में लगातार असफलताओं का सामना करते हुए जीवन को जीने का प्रयास करता है और किस्मत को दोष देता हैमानव को अपने लक्ष्य पर पूर्णतया समर्पित होना चाहिए जिससे उसके द्वारा लिए गए संकल्प को वह बहुत ही निष्ठा और ईमानदारी के साथ पूरा कर सके और अपने जीवन को सुखद और सरलता से जीने का एक मार्ग का निर्माण कर सकें व्यक्ति को अपने द्वारा लिए गए संकल्प को भूलना नहीं चाहिए 

 आइए जानते है कैसे अपनी दिनचर्या में सुधार करे।

  1. सबसे पहले आप अपनी नीद का आकलन करे कि आपको कितने घंटे सोना है प्राय: 7 या 8 घंटे ही नीद आती है तो आप  रात में जल्दी सोने का प्रयास करें जिससे आपकी नीद भी पूरी हो जायेगी और आप सुबह जल्दी जाग पाएंगे।
  2. अब प्रश्न है यह आता है कि जल्दी कैसे सोया जाए काफी लोगों को तो रात में जल्दी नींद ही नहीं आती सबसे अच्छा सोने का समय रात 10:00 बजे से सुबह 4:00 बजे तक होता है 
  3. रात को सोने से 2 घंटे पहले खाना खा ले ताकि पाचन ठीक से हो जाए तथा पानी पीकर सोए आप देखेंगे कि इसी से आपकी निद्रा में सुधार आने लगेगा
  4. सुबह जागने के बाद अपने इष्ट देव को याद करके दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ कर उस ऊर्जावान हाथ को अपने चेहरे पर फेरे
  5. योगासन ,प्राणायाम ,अनुलोम-विलोम तथा वज्रासन में बैठकर योग का अभ्यास करें जिससे आपका शरीर ऊर्जावान महसूस करेगा तदोपरांत आप अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जाएं ।

दोस्तों आप अपने जीवन में ना तो नकारात्मक पहलू सोचे और ना ही नकारात्मक विचारों के साथ किसी के साथ व्यवहार करें थिंक पॉजिटिव एंड बी पॉजिटिव का नियम फॉलो करें।

क्या आप वास्तव में अपने दिनचर्या में सुधार लाना चाहते हैं तो हमें कमेंट सेक्शन बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।



Sunday, January 9, 2022

Section 323 I.P.c



 भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के अनुसार, जो भी व्यक्ति  जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।


Saturday, January 8, 2022

धारा 111सीआरपीसी क्या है










जब भी कोई व्यक्ति समाज में किसी भी प्रकार से पर शांति को भंग करने का प्रयास करता है या किसी पुलिस अधिकारी को यह अंदेशा होता है कि अमुक व्यक्ति द्वारा सामाजिक शांति को भंग किया जा सकता है तो उक्त पुलिस अधिकारी अमुक व्यक्ति को धारा 107/116 सीआरपीसी के तहत चलानी रिपोर्ट संबंधित परगना मजिस्ट्रेट के न्यायालय में प्रेषित कर देता है और उस रिपोर्ट से परगना मजिस्ट्रेट पूर्ण रूप से संतुष्ट होकर धारा 111 सीआरपीसी का नोटिस जारी करता है और शांति भंग करने में सनलिप्त व्यक्तियों से यह अपेक्षा करता है कि क्यों ना एक निश्चित अवधि के लिए  शांति बनाए रखने हेतु निजी बंधपत्र और जमानत से पाबंद कर दिया जाए।

वसीयत के लीगल प्वाइंट


अब तक वसीयत के निष्पादन के संबंध में अनेक वादों में अनेक न्यायालय द्वारा महत्वपूर्ण सिद्धांत प्रतिपादित किए गए हैं जैसे कि

 
  1. वसीयत कर्ता को वसीयत का निष्पादन करते समय स्वस्थ मस्तिष्क की दशा में समस्त प्रभाव से मुक्त होना चाहिए। 
  2. वसीयत कर्ता को वसीयत का निष्पादन करते समय स्वस्थ चित्र होना चाहिए।
  3. वसीयत को विद के उप बंधुओं के अनुसार निष्पादित होना चाहिए।
  4. वसीयत को साबित करने का दायित्व उस व्यक्ति पर होता है जो वसीयत के आधार पर अधिकार का दावा करता है।
  5. वसीयत वसीयत कर्ता की अंतिम वसीयत होनी चाहिए।
  6. वसीयत के अंतिम होने की बात को साबित करने का भार वसीयत का लाभ लेने वाले व्यक्ति पर होता है।
  7. अन्य दस्तावेज व तत्कालिक साक्षी साबित करने के संबंध में बनाएंगे उपबंध वसीयत के मामले में भी प्रभावी होते हैं।

वसीयत क्या होती है



 वसीयत को हिंदी में इच्छा पत्र और अंग्रेजी में विल (वसीयत) कह।जाता है। निश्चित रूप से यह कहना संभव नहीं है कि वसीयत सबसे पहले कहां पर अस्तित्व में आई वैसे यह माना जाता है कि वसीयत का श्रीगणेश बेबीलोन और असीरिया में हुआ धीरे धीरे जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ सभ्य देशों में कानून द्वारा यह व्यवस्था की गई कि किसी संपत्ति का मालिक स्वयं यह निश्चित कर सकता है कि उसकी मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का मालिक कौन बने वास्तव में वसीयत ऐसे व्यक्ति के पक्ष में लिखी जाती है जो सामान्यता वसीयत लिखने वाले के निकटतम रिश्ते में होता है और वसीयत कर्ता की सेवा आदि करके उसे हर प्रकार से संतुष्ट रखता है और वसीयत कर्ता का यह भी विश्वास रहता है कि ऐसा व्यक्ति भविष्य में भी उसकी सेवा करेगा और उसकी मृत्यु के बाद उसका दाह संस्कार आदि नियमिता संपन्न करेगा हिंदू विधि के शुरुआती चरण में इच्छा पत्र का उल्लेख नहीं पाया जाता है लेकिन धीरे-धीरे विधि के विकास के साथ ही साथ वसीयत का भी प्रचलन शुरू हुआ और बाद में वसीयत को विधिक मान्यता प्रदान कर दी गई वसीयत एक प्रकार की विधिक घोषणा है जिसके द्वारा वसीयत कर्ता अपनी मृत्यु के पश्चात अपनी संपत्ति के निस्तारण के संबंध में अपने जीवन काल में ही व्यवस्था कर देता है वसीयत कर्ता द्वारा की गई इस प्रकार की घोषणा वसीयत कर्ता के मृत्यु के बाद प्रभावी होती है इस प्रकार से स्पष्ट है कि वसीयत वसीयत कर्ता की संपत्ति के संबंध में ऐसी घोषणा है जो वसीयत कर्ता की मृत्यु के बाद प्रभावी होती है